शरीर के लिए बेहद खतरनाक है गंदा पानी

Dec 3, 2025 - 21:49
Dec 3, 2025 - 22:06
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शरीर के लिए बेहद खतरनाक है गंदा पानी

दिल्ली-एनसीआर की हवा तो काफी प्रदूषित है लेकिन कुछ रिपोर्ट बताती हैं कि यहां पर पानी भी अच्छा नही है. सीवेज, औद्योगिक कचरा और खराब वेस्टवॉटर ट्रीटमेंट सिस्टम ने यहा की पानी की सप्लाई को गंभीर रूप से दूषित कर दिया है. गों मे पानी से फैलने वाली बीमारिया जैसे घातक बैक्टीरियल इंफेक्शन, हैजा, हेपेटाइटिस और स्किन डैमेज जैसी और कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याए हो सकती है. NCBI 2025 की रिसर्च के मुताबिक, दिल्ली में लगभग 70% क्षेत्रों मे दूषित भूजल की उपस्थिति की पहचान की गई और यह पीने के लिए उपयुक्त नहीं है. मुख्य रूप से लैंडफिल क्षेत्र और दक्षिण और दक्षिण-पश्चिमी भागो के आसपास के क्षेत्र से.

एक्सपर्ट्स का कहना है कि जल प्रदूषण के कारण दिल्ली-एनसीआर में कुछ बीमारियो का जोखिम अधिक देखने मिल रहा है. अब ऐसा प्रदूषित पानी कोई लंबे समय तक पिए तो उससे शरीर को क्या नुकसान हो सकते हैं, इस बारे मे जान लीजिए,

1. बैक्टीरियल इंफेक्शन

सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल ब्यूरो (CPCB) के मुताबिक, 30 जून को जनकपुरी के ए ब्लॉक में पांच घरों से ताजे पेयजल के नमूने एकत्र किए, जिनमे फेकल कोलीफॉर्म और ई. कोली पाया गया था. पानी मे पाए गए E. coli और फीकल कोलीफॉर्म बैक्टीरिया शरीर में खतरनाक टॉक्सिन जमा कर होने लगते हैं. ये बैक्टीरिया पुरानी पाइप लाइन मे सीवेज के मिल जाने से फैलते हैं. इससे पेट दर्द, उल्टी-दस्त और गंभीर इंफेक्शन हो सकते हैं जो जानलेवा भी साबित हो सकते हैं.

2. हैजा 

ओआरएफ फाउंडेशन की रिसर्च के मुताबिक, Vibrio cholerae बैक्टीरिया से फैलने वाला हैजा तेज दस्त और डिहाइड्रेशन का कारण बनता है. यदि किसी को इलाज न मिले तो मरीज की मौत भी हो सकती है. 2025 में दिल्ली में 240 से ज्यादा केस दर्ज हुए हैं. नोएडा, गाजियाबाद और फरीदाबाद मे भी खुले नालो से संक्रमण बढ़ रहा है

3. टाइफाइड 

डीयू जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक,Salmonella typhi नाम के बैक्टीरिया दूषित पानी से शरीर मे पहुंचकर बुखार, शरीर दर्द और आंतों मे सूजन जैसी बीमारिया पैदा करते हैं. खराब पानी की क्वालिटी और साफ-सफाई की कमी दिल्ली-एनसीआर मे टाइफाइड के केस बढ़ा रही हैं इसलिए नियमित वॉटर टैंक सफाई बेहद जरूरी है.

4. स्किन और शरीर पर असर

सेंट्रल ग्राउंड वॉटर रिपोर्ट 2023-2024 के मुताबिक, दूषित पानी मे मौजूद हेवी मेटल और केमिकल्स धीरे-धीरे त्वचा और शरीर को नुकसान पहुंच रहे हैं जो नहाने, कपडे धोने या ब्रश करने से पहुंचते हैं. शुरुआत में एलर्जी, रैशेज होते है और लंबे समय में किडनी या लिवर संबंधी बीमारियां हो सकती हैं.

क्या है इससे बचने के तरीके ?

अगर पानी मे  बदबु या रंग बदलता दिखे तो उसे कम से कम 1 मिनट तक अच्छी तरह उबालें. उबालने से अधिकतर बैक्टीरिया खत्म हो जाते हैं जिससे पानी पीने लायक बनता है. ध्यान दें कि आपके ड्रिंकिंग वॉटर फिल्टर सही से काम कर रहे हैं और बैक्टीरिया व केमिकल्स को साफ करने की क्षमता रखते हैं. समय-समय पर उनकी जांच कराएं. अगर आपको तेज बुखार, लगातार दस्त, उल्टी या पीलिया के लक्षण महसूस हों तो तुरं डॉक्टर से संपर्क करें.

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